Rajasthan Geography Aravalli Mountain Range : यहाँ पर राजस्थान भूगोल के अनुसार अरावली पर्वतमाला का वर्गीकरण एवं RPSC और RSMSSB परीक्षाओं में पूछे गए सभी महत्त्वपूर्ण प्रश्नों सहित एक सुव्यवस्थित और विस्तृत लेख प्रस्तुत किया गया है, जिसकी शब्द संख्या लगभग 1500 से अधिक है।
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परिचय
अरावली पर्वतमाला भारत की सबसे प्राचीन पर्वतमालाओं में से एक है, जिसकी संरचना भूगर्भीय दृष्टिकोण से अत्यंत महत्त्वपूर्ण मानी जाती है। यह पर्वतमाला राजस्थान की भौगोलिक, पर्यावरणीय, ऐतिहासिक तथा आर्थिक दृष्टि से अत्यधिक प्रभावशाली है। राजस्थान में अरावली की उपस्थिति राज्य की जलवायु, जलप्रवाह, खनिज संपदा, वनस्पति, कृषि और जनजीवन को गहराई से प्रभावित करती है। इस लेख में हम अरावली पर्वतमाला का राजस्थान के भूगोल के अनुसार वर्गीकरण करेंगे, और इससे जुड़े सभी महत्वपूर्ण तथ्यों को विस्तार से समझेंगे।
अरावली पर्वतमाला का उद्गम एवं विस्तार
अरावली पर्वतमाला का उद्गम राजस्थान के गुजरात की सीमा से लेकर हरियाणा तक फैला हुआ है। इसकी कुल लंबाई लगभग 692 किमी है, जो दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व दिशा में फैली हुई है। यह पर्वतमाला गुजरात के साबरकांठा जिले से प्रारंभ होकर राजस्थान के सिरोही, उदयपुर, राजसमंद, भीलवाड़ा, अजमेर, टोंक, जयपुर, अलवर, सवाई माधोपुर और हरियाणा के गुरुग्राम तक फैली हुई है।
राजस्थान भूगोल के अनुसार अरावली का वर्गीकरण
राजस्थान में अरावली पर्वतमाला को आमतौर पर तीन भागों में विभाजित किया गया है:
1. दक्षिणी अरावली (South Aravalli)
- स्थान: सिरोही, उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और राजसमंद जिलों में फैली हुई।
- प्रमुख विशेषताएं:
- यह भाग अत्यंत पुराना, कठोर एवं ऊँचा है।
- यहां ग्रेनाइट, बेसाल्ट, क्वार्टजाइट और क्रिस्टलीय चट्टानों की प्रधानता है।
- इस भाग में राजस्थान की कुछ प्रमुख नदियाँ जैसे माही, सोम, जाखम आदि का उद्गम होता है।
- यहाँ की प्रमुख चोटियाँ – गुरु शिखर (1,722 मी), सेर पर्वत, दिलवाड़ा की पहाड़ियाँ।
- गुरु शिखर अरावली की और राजस्थान की सबसे ऊँची चोटी है।
2. मध्य अरावली (Central Aravalli)
- स्थान: भीलवाड़ा, अजमेर, टोंक, नागौर और राजसमंद जिलों के कुछ भाग।
- प्रमुख विशेषताएं:
- यह क्षेत्र अपेक्षाकृत कम ऊँचाई वाला है और यहाँ की पहाड़ियाँ असमतल हैं।
- यहां पर स्लेट, शीस्ट और संगमरमर की प्रमुखता है।
- इस क्षेत्र में अजमेर जिले का तारागढ़ पर्वत महत्त्वपूर्ण है।
- पुष्कर घाटी इस क्षेत्र में स्थित है, जो कि अरावली के दो पल्लवों के मध्य में स्थित एक सुंदर द्रोणी है।
3. उत्तरी अरावली (North Aravalli)
- स्थान: अलवर, जयपुर, सवाई माधोपुर और भरतपुर जिले।
- प्रमुख विशेषताएं:
- यह भाग बहुत अधिक विखंडित और क्षीण हो चुका है।
- यहाँ की पहाड़ियाँ छोटी एवं असमान ऊँचाई वाली हैं।
- खनिज पदार्थों में अभ्रक, फेल्सपार, क्वार्ट्ज आदि मिलते हैं।
- सरिस्का वन्यजीव अभयारण्य, जयगढ़ किला, आमेर किला आदि इसी क्षेत्र में स्थित हैं।
- यह क्षेत्र दिल्ली के मेहरौली तक फैला हुआ है।
राजस्थान के जिलों में अरावली की स्थिति
क्षेत्र | ज़िले | प्रमुख स्थल / विशेषताएँ |
---|---|---|
दक्षिणी अरावली | सिरोही, उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़ | माउंट आबू, गुरु शिखर, जाखम नदी, माही नदी, क्रिस्टलीय चट्टानें |
मध्य अरावली | अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक | पुष्कर घाटी, तारागढ़ किला, संगमरमर की खदानें |
उत्तरी अरावली | जयपुर, अलवर, सवाई माधोपुर | सरिस्का अभयारण्य, आमेर किला, जयगढ़ दुर्ग, मेहरौली तक विस्तार |
भौगोलिक एवं पारिस्थितिकीय महत्त्व
- जलवायु पर प्रभाव:
- अरावली राजस्थान के पश्चिमी शुष्क भागों और पूर्वी आद्र भागों के बीच जलवायु विभाजन रेखा का कार्य करती है।
- यह दक्षिण-पश्चिम मानसून को पूर्वी राजस्थान में बरसने में सहायता करती है।
- जल संसाधन:
- अरावली क्षेत्र में कई नदियों का उद्गम होता है – जैसे कि बनास, साबरमती, माही, सोम आदि।
- यहाँ जलग्रहण क्षेत्र का निर्माण होता है, जो जल संरक्षण में सहायक है।
- वनस्पति एवं जैव विविधता:
- अरावली की पर्वतीय श्रृंखला में शुष्क पतझड़ी वन पाए जाते हैं।
- सरिस्का और केसरबाग अभयारण्य जैसे वन्यजीव संरक्षित क्षेत्र यहीं स्थित हैं।
- खनिज संपदा:
- राजस्थान के कई महत्त्वपूर्ण खनिज जैसे तांबा (खेतड़ी), सीसा-जस्ता (जावर), संगमरमर (मकराना), अभ्रक आदि अरावली क्षेत्र में पाए जाते हैं।
- पर्यटन एवं सांस्कृतिक महत्व:
- माउंट आबू, अजमेर शरीफ, पुष्कर, नाथद्वारा, दिलवाड़ा मंदिर जैसे महत्त्वपूर्ण धार्मिक एवं पर्यटन स्थल अरावली क्षेत्र में स्थित हैं।
अरावली पर्वतमाला से जुड़े पर्यावरणीय मुद्दे
- खनन गतिविधियाँ: अवैध खनन के कारण अरावली की पारिस्थितिकी प्रणाली संकट में है।
- वनों की कटाई: विकास कार्यों के लिए वनों की अंधाधुंध कटाई ने जैव विविधता को नुकसान पहुँचाया है।
- जलस्रोतों का क्षरण: पारंपरिक जल स्रोत जैसे तालाब, बावड़ियाँ सूख चुके हैं।
महत्त्वपूर्ण परीक्षोपयोगी प्रश्न (RPSC / RSMSSB आधारित)
वस्तुनिष्ठ प्रश्न (MCQs) :Rajasthan Geography Aravalli Mountain Range
- राजस्थान की सबसे ऊँची चोटी कौन-सी है?
- (A) तारागढ़
- (B) गुरु शिखर ✅
- (C) सेर
- (D) माउंट आबू
- अरावली पर्वतमाला की दिशा क्या है?
- (A) पूर्व-पश्चिम
- (B) उत्तर-दक्षिण
- (C) उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम ✅
- (D) दक्षिण से उत्तर
- अरावली पर्वत श्रृंखला में कौन-सी चट्टानें पाई जाती हैं?
- (A) आग्नेय चट्टानें
- (B) कायांतरित चट्टानें ✅
- (C) अवसादी चट्टानें
- (D) उपरोक्त सभी
- सरिस्का वन्यजीव अभयारण्य किस जिले में स्थित है?
- (A) जयपुर
- (B) अलवर ✅
- (C) भरतपुर
- (D) उदयपुर
- अरावली की सबसे प्राचीन चट्टानें किस काल की हैं?
- (A) पुरा-पैलियोज़ोइक
- (B) प्री-कैम्ब्रियन ✅
- (C) टर्शियरी
- (D) क्वाटर्नरी
वर्णनात्मक प्रश्न (RPSC Mains / Interview)
- राजस्थान के भूगोल में अरावली पर्वतमाला की भूमिका पर विस्तार से चर्चा कीजिए।
- अरावली पर्वतमाला के भू-आकृतिक भागों का वर्णन कीजिए।
- अरावली पर्वतमाला के पारिस्थितिकीय महत्त्व एवं पर्यावरणीय संकटों का विवेचन कीजिए।
- अरावली क्षेत्र में पाए जाने वाले खनिज संसाधनों की जानकारी दीजिए।
- अरावली के संरक्षण हेतु किए गए प्रयासों का उल्लेख कीजिए।
निष्कर्ष
अरावली पर्वतमाला केवल एक भौगोलिक संरचना ही नहीं, बल्कि राजस्थान के जीवन तंत्र की रीढ़ है। यह जल, वायु, वन, खनिज, कृषि, और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वर्तमान समय में इसके संरक्षण और पुनरुत्थान की आवश्यकता अत्यधिक बढ़ गई है। RPSC और RSMSSB जैसी परीक्षाओं में अरावली से संबंधित प्रश्नों की संख्या लगातार बढ़ रही है, अतः इस विषय की गहन अध्ययन अत्यंत आवश्यक है।
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